सहकारी लेखापरीक्षा में पदविका पाठ्यक्रम (डीसीए)

सहकारी लेखापरीक्षा में पदविका पाठ्यक्रम

12 सप्ताह

प्रत्येक विषय में निम्नलिखित शीर्षों से युक्त १०० अंक होंगेः

(i) कक्षा परीक्षा/असाइनमेंट २० अंक
(ii) कक्षा में  भाग लेना २० अंक
(iii) टर्म एंड परीक्षा ६० अंक
कुल १०० अंक
(a) ३ विषयों में ४ X १०० ४०० अंक होंगे
(b) १ विषय में १ X १५० १५० अंक होंगे
(c) १ विषय में १ X ५० ५० अंक होंगे
(d) लेखापरीक्षा संलग्नक रिपोर्ट तैयार करना १०० अंक
(e) मौखिक परीक्षा ५० अंक
कुल 650 अंक
30 प्रतिभागी
  • प्रतिभागियों को लेखा परीक्षा कार्य की सुविधा के लिए खाता रखने और वित्त की प्रणाली और तकनीकों को समझने में सक्षम बनाना
  • प्रतिभागियों को लागत निर्धारण की अवधारणाओं और तकनीकों और प्रबंधकीय लेखांकन के प्रमुख क्षेत्रों को समझने और विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करने में सक्षम बनाना
  • लेखा परीक्षा के सिद्धांतों के बारे में मूल्यांकन करना और कार्यात्मक दक्षता के लिए उनके कौशल को विकसित करना
  • प्रतिभागियों को महाराष्ट्र राज्य सहकारी समिति अधिनियम और नियमों और अन्य संबंधित कानूनों के तहत वैधानिक प्रावधानों को समझने में सक्षम बनाना
  • प्रतिभागियों को कम्प्यूटरीकृत वातावरण में सूचना प्रौद्योगिकी और लेखा परीक्षा का बुनियादी ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनाना

First Semester

S.No Course Title Units No.of Sessions
1 Co-operative Accounting & Finance 1 30
2 Co-operative Cost & Managerial Accounting 1 30
3 Principles and Practices of Co-operative Audit 1.5 45
4 Co-operative Law and Business Laws 1 30
5 MIS and Computer Application 0.5 15
Total 5 150
पाठ्यक्रम का विवरण १२ सप्ताह
प्रथम सत्र (कक्षा प्रशिक्षण) ५ सप्ताह
व्यावहारिक प्रशिक्षण/लेखा परीक्षा संलग्नक २ सप्ताह
द्वितीय सत्र– (कक्षा प्रशिक्षण और परीक्षा के लिए एक सप्ताह) ५ सप्ताह
  • स्नातक की न्यूनतम योग्यता के साथ सहकारी विभाग और सहकारी संस्थानों में काम करने वाले कार्मिक।
  • न्यूनतम आवश्यक योग्यताओं को पूरा करने वाले निजी उम्मीदवार को भी प्रवेश दिया जा सकता है। निजी उम्मीदवारों का चयन प्रत्येक आईसीएम में आयोजित ओपन टेस्ट के माध्यम से किया जाएगा।
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को भारत सरकार द्वारा इस संबंध में निर्धारित मानदंडों के अनुसार प्रवेश दिया जाएगा।
  • आयु सीमा अधिकतम 40 वर्ष है, विशेष मामलों में छूट दि जायेगी।
  • जब कि पाठ्यक्रम का ध्यान निर्णय लेने के कौशल में सुधार करने पर है, इसलिए इसमे  अनुभवात्मक विधि, भूमिका, समूह चर्चा और प्रस्तुतियों का उपयोग किया जाता है।
  • कक्षा सत्रों का ध्यान व्याख्यानों के माध्यम से पढ़ने की सामग्री को सारांशित करने के बजाय सक्रिय छात्र भागीदारी के माध्यम से कौशल और दृष्टिकोण विकसित करने पर है। प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अनुशंसित साहित्य, मामलों का अध्ययन करें और कक्षा के बाहर छोटे समूहों के भीतर चर्चा करें।
  • पहला सत्र पूरा होने पर प्रतिभागियों को ऑडिट अटैचमेंट सौंपा जाएगा, जिसमें उन्हें किसी भी सोसाइटी का डमी ऑडिट करना होगा और ऑडिट रिपोर्ट तैयार करनी होगीI
७० प्रतिशत और उससे अधिक विशिष्टता (डिस्टिंक्शन)
६० प्रतिशत लेकिन ७० प्रतिशत से कम प्रथम श्रेणी
५०  प्रतिशत लेकिन ६० प्रतिशत से कम द्वितीय श्रेणी
४५  प्रतिशत लेकिन ५०  प्रतिशत से कम तृतीय श्रेणी
४५  प्रतिशत से कम असफल