औद्योगिक प्रबंधन में पदविका पाठ्यक्रम (डीआयएम – डीजीआर)

12 सप्ताह
30 प्रतिभागी
  • प्रतिभागियों को देश के औद्योगिक वातावरण को समझने में सक्षम बनाना।
  • औद्योगिक क्षेत्र में वर्तमान रुझानों और विकास के अनुसार प्रबंधन कौशल को तेज करना।
  • प्रतिभागियों को उद्यमी बनने के लिए रुचि विकसित करना और प्रेरित करना।
First Semester
S.No Course Title Units No.of Sessions
Term I
1 Principles of Management 25
2 Business Accounting and Finance 30
3 Industrial Relation and labor Laws 15
Practical training and industrial visit 10 Days
Term II
4 Human Resource and Business Communication 25
5 Marketing & Supply chain Management 15
6 Project, Production Management 15
7 Computer & Information System 25
Total
पाठ्यक्रम का विवरण १२ सप्ताह
प्रथम सत्र (कक्षा प्रशिक्षण) ५ सप्ताह
अवलोकन अध्ययन यात्रा २ सप्ताह
द्वितीय सत्र – (परीक्षा के लिए एक सप्ताह) ५ सप्ताह
  • किसी भी विश्वविद्यालय के स्नातक और भारत में सशस्त्र बलों में सेवारत अधिकारी।
  • सेना, वायु सेना और नौसेना में काम करने का अनुभव।
  • जब कि पाठ्यक्रम का ध्यान निर्णय लेने के कौशल में सुधार करने पर है, इसलिए इसमे  अनुभवात्मक विधि, भूमिका, समूह चर्चा और प्रस्तुतियों का उपयोग किया जाता है।
  • कक्षा सत्रों का ध्यान व्याख्यानों के माध्यम से पढ़ने की सामग्री को सारांशित करने के बजाय सक्रिय छात्र भागीदारी के माध्यम से कौशल और दृष्टिकोण विकसित करने पर है। प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अनुशंसित साहित्य, मामलों का अध्ययन करें और कक्षा के बाहर छोटे समूहों के भीतर चर्चा करें।
  • पहला कार्यकाल पूरा होने पर प्रतिभागियों को अवलोकन अध्ययन दौरे के लिए प्रतिनियुक्त किया जाएगा

प्रत्येक विषय में निम्नलिखित शीर्षों से युक्त १०० अंक होंगेः

(i) मिड-टर्म कक्षा अंतर्गत  परीक्षा २०  अंक
(ii) प्रोजेक्ट/असाइनमेंट २० अंक
(iii) टर्म एंड परीक्षा ६० अंक
कुल १०० अंक
(a) ५ विषयों में ५ X १०० ५०० अंक होंगे
(b) २ विषयों में २ X ५० १००  अंक होंगे
(c) अध्ययन यात्रा का रिपोर्ट ५०  अंक
(d) मौखिक परीक्षा ५०  अंक
कुल ७०० अंक
७० प्रतिशत और उससे अधिक विशिष्टता (डिस्टिंक्शन)
६० प्रतिशत लेकिन ७० प्रतिशत से कम प्रथम श्रेणी
५०  प्रतिशत लेकिन ६० प्रतिशत से कम द्वितीय श्रेणी
४५  प्रतिशत लेकिन ५०  प्रतिशत से कम तृतीय श्रेणी
४५  प्रतिशत से कम असफल